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लोकतंत्र के रक्षार्थ जनसंख्या बिल लाना आवश्यक

अध्र्मीय ने भारत की एकता को खंडित करने के लिए राष्ट्रविरोध्ी शक्तियों के साथ हाथ मिलाकर यहां के डेमोग्रापफी को बिगाड़ कर लोकतंत्रा की आड़ में इस्लाम को मजबूत कर भारत को इस्लामिक देश बनाने का षड्यंत्रा रचा है। इसके लिए येण-केण प्रकारेण ध्र्मान्तरण करा रहा है। ताकि जल्द से जल्द वह भारत को इस्लामी देश बना सके। इस्लाम का उदय 610 ई. में हुआ। 610 ई. के पहले विश्व में इस्लाम का नामो निशान नहीं था, लेकिन आज विश्व के कुल 197 देश है जिसमें 57 देश इस्लामिक हैं। ये इनके षड्यंत्रा के सपफल होने का प्रमाण है। 
1947 ई. में भारत ने अंग्रेजों से आजादी ली। 1951 में आजाद भारत की पहली जनगणना हुई थी। जिसमें भारत की कुल आबादी 36, 10, 88, 090 थी। जिसमें हिन्दू 30, 36, 75, 084 यानि 84.1% थे। मुसलमान की आबादी 3,54,00,000 यानि 9.8% थी।
1961 में हिन्दू आबादी 0.55% कमी हुई और मुसलमान की आबादी 0.89% बढ़ी। 1971 में हिन्दू की आबादी 1.4% बढ़ी। 1981 में हिन्दू की आबादी 1971 की तुलना में 0.3% घटी और मुसलमान की जनसंख्या 1.26» बढ़ी। 1991 में हिन्दू आबादी 1.08» घटी और मुसलमान की आबादी 0.81% बढ़ी। 2001 में हिन्दू आबादी 1.08» घटी और मुसलमान की आबादी 0.79» बढ़ी। 2011 ई. में हिन्दू आबादी 0.65% घटी तो मुसलमान की आबादी 0.8%। 1951 से 2011 ई. तक में हिन्दू आबादी में 4.3% की गिरावट आयी वही मुसलमान की आबादी में 4.4% की बढ़ोतरी हुई है।
2011 ई. की जनगणना के अनुसार हिन्दू की आबादी 79.8%  अर्थात् 96.6 करोड़ है और मुसलमान की आबादी 
14.2% अर्थात् 17.22 करोड़ है। इस तरह हिन्दू आबादी निरंतर घटती रही और मुसलमानों की आबादी बढ़ती गयी तो आप कल्पना कर सकते हैं कि भारत अन्यान्य देश की तरह भविष्य में इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा। 2025 ई. में अनुमान है कि हिन्दू आबादी 75% हो चुकी है और मुसलमानों की आबादी 20%।
यदि भारत सरकार जल्द-से-जल्द जनसंख्या नियंत्राण बिल नहीं लाती है तो भविष्य में भारत को इस्लामिक देश बनने से कोई रोक नहीं सकता है। लोकतंत्रा की रक्षा के नाम पर हिन्दू ध्र्म लुप्त हो जाएगा। जैसा कि पाकिस्तान और बंगलादेश में हुआ है। 1947 ई. में जब भारत दो टुकड़ों में आजाद हुआ था उस समय पाकिस्तान में 12.9% हिन्दू थे। पाकिस्तान के 1951 की जनगणना के अनुसार पश्चिमी पाकिस्तान में हिन्दूओं की जनसंख्या कुल आबादी का 1.6% और पूर्वी पाकिस्तान में आज का बंगलादेश में 22% थी। पाकिस्तान के 2023 की जनगणना के अनुसार वहां हिन्दु 2.17% हो चुके हैं। इसी तरह बंगलादेश में हिन्दूओं की संख्या 1971 में 22% भी जो अब 7.95% हो गयी है। पाकिस्तान और बंगलादेश में हिन्दूओं का ध्र्मान्तरण कराया गया। बंगलादेश में शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद हिन्दूओं के साथ किस तरह अत्याचार किया गया है, यह किसी से छिपी नहीं है।
हिन्दूओं को हिन्दूओं के प्रति अपनी सोच बदलने का है। आज सरकार ने गरीबों की अनेक सुविधएं उपलब्ध् करा रही है, लेकिन ये सुविधएं उन तक नहीं पहुंच पा रही है। फलतः वह ध्र्मान्तरण के षड्यंत्रा के शिकार बन रहे हैं। हिन्दू समाज में भी भेदभाव बहुत स्थानों पर चरम पर है, उच्च जातियां आज भी सामंती मानसिकता में है और निम्न जातिय के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं, इस कारण भी ध्र्मान्तरण होता है। इस प्रकार के अमानवीय व्यवहार करने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की सुदृढ़ व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही सरकारी लाभों से गरीबों को भी सुनिश्चित लाभ मिल सके इसके लिए कारगर प्रबंध्न होना चाहिए और प्रबंध्न पर कठोर निगरानी व्यवस्था का सदृढ़ तंत्रा होना आवश्यक है।
जो लोग जनसंख्या नियंत्रण का विरोध् करने के लिए खड़ा हों, उन्हें लोकतांत्रिक तरीकों से ध्ूल में मिला देना चाहिए वे क्षणिक लाभ के लिए हिन्दू ध्र्म के विनाश के कारक बनेंगे, वैसे अदूरदर्शी सोच रखने वाले तत्वों से जनता को सख्ती से निबटना चाहिए, उनका चुनाव में जमानत जब्त करा देना होगा। तभी क्षणिक लाभ के प्रवृति रखने वालों को सबक मिल सकेगी।
भारत के 75 वर्षों का जनगणना रिर्पोट और पड़ोसी देश पाकिस्तान और बंगलादेश में हिन्दूओं की दुर्दशा चीख-चीखकर सावधन रहने की चेतावनी दे रही है। भारत में अल्पसंख्यक का पैमाना बदलना होगा। अल्पसंख्यक के नाम पर वे सरकारी सुविध का लाभ लेकर इस्लाम को मजबूत बना रहे हैं, भारत सरकार के उसके नियम को समझना होगा। लोकतंत्र की विशेषता ही कोढ़ न बन जाएं। भारत का संविधन लिखित भी है और अलिखित भी। अलिखित का आशय सापफ-सापफ है कि देश चलाने वाले, लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाने में पीछे न रहे। भारतीय संस्कृति भी रक्षा के लिए समय की मांग है कि जनसंख्या नियंत्राण बिल लाया जाए। गौर करने की बात है, मुसलमान को अल्पसंख्यक तब कहा गया था जब उसकी आबादी 10% से कम थी।

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