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आलेख : राजनीतिक दल का तीसरा विकल्प बने वैश्य

बिहार में वैश्य का अपना राजनीतिक दल बने, जो तीसरा विकल्प के रूप में जनता के सामने उपस्थित हो। वैश्य समाज और अनुसूचित समाज का समीकरण बनाया जाए। दोनों समाज का वोट बैंक लगभग 45» हो जाता है। बिहार और बिहारियों के सर्वांगीण हित की बात होने पर 45» वोट के साथ-साथ अन्य वोट का जुड़ाव होगा। बिहार में वैश्य समाज में अच्छी खासी संख्या में राजनीतिक कार्यकर्ता बने हैं। लोकसभा में 3, राज्यसभा में एक, विधनमंडल में लगभग 30 सदस्य हैं। 17 नगर निगम है में 9 पर मेयर और और पांच उप मेयर है। 70 नगर परिषद में 17 नगर परिषदों में अध्यक्ष है और 14 में उपाध्यक्ष हैं। 137 नगर पंचायतों में 26 नगर पंचायत में मुख्य पार्षद और 44 नगर पंचायत में उप मुख्य पार्षद। बड़ी संख्या में परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, प्रखंड समिति अध्यक्ष, उप मुखिया, उप सरपंच और वार्ड सदस्य हैं। इन सभी के लगभग 5 गुना वैश्य विभिन्न पदों पर प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा है। कहने का आशय है कि वैश्य समाज में राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है। उनकी एकजुटता स वैश्य समाज बिहार के सामने तीसरा राजनीतिक विकल्प के रूप में प्रस्तुत हो सकता है।



वैश्य राजनीतिक दल की बिहार की सरकार बनने में  सबसे पहले सभी के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।  दूसरा काम सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा निःशुल्क होगी, बिहार में रहने वाले लोगों और बिहारियों के लिए। प्रशासनिक संगठन में एकरूपता लाई जाएगी। ताकि भ्रष्टाचार का दुकान सदा के लिए बंद हो जाए। बिहार में 10 प्रमंडल होंगे। एक प्रमंडल में चार जिला होगा। एक जिला में तीन अनुमंडल होंगे। एक अनुमंडल में 5 प्रखंड होगा और प्रत्येक प्रखंड में 20-20 पंचायत होंगे। प्रमंडल से पंचायत के गठन का आधार आबादी होगा। वर्तमान में 9 प्रमंडल है, तिरहुत सबसे बड़ा प्रमंडल है जिसकी आबादी 2 करोड़ 13 लाख के लगभग है। सबसे छोटा प्रमंडल भागलपुर है जिसकी आबादी लगभग 51 लाख है। बिहार का सबसे बड़ा जिला, आबादी में पटना है जिसकी आबादी 58, 38, 465 है तो सबसे छोटे जिला शेखपुरा की आबादी  की है, 6, 36, 302। इसी तरह बिहार का सबसे बड़ा अनुमंडल दरभंगा सदर है जिसकी आबादी लगभग 26, 00, 000 तो सबसे छोटा अनुमंडल सीतामढ़ी जिला का बेलसंड जिसकी आबादी दो लाख 7 हजार के लगभग है। बिहार का सबसे बड़ा प्रखंड पटना ग्रामीण है जिसकी आबादी लगभग 18, 00, 000 है और सबसे छोटा प्रखंड बेगूसराय जिला का साम्हो अकहा कुरहा प्रखंड जिसकी आबादी लगभग 30,000 है। 48 लाख की आबादी वाला मुजफ्रफरपुर जिला में दो अनुमंडल है तो 30 लाख की आबादी वाला बेगूसराय में पांच अनुमंडल है। मध्ुबनी जिला के बेनीपट्टðी प्रखंड में 33 पंचायत है तो कलुआई प्रखंड में तीन पंचायतऋ यह असमानता का नंगा नाच है।
इस तरह बिहार के औद्योगिकीकरण और विकास के लिए अनेकानेक योजनाएं बनाई जा सकती है। जनता के समक्ष अपनी योजनाएं को प्रस्तुत कर भरोसा पैदा कर चुनाव जीत सकते हैं।

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