सम्पादक जी महाराज,
जय हो!
आकार में नोट के छोटा होने से उसका मूल्य कम तो नहीं गया, कागज की बचत हुई, पर्यावरण की रक्षा हुई। एक तीर से दो शिकार। अब वस्तु खरीद-बिक्री हेतु नोट के आदान-प्रदान को न्यूनतम करने के लिए मोबाइल पफोन से काम यानि नोट में कागज की खपत न्यूनतम, पर्यावरण की रक्षा अध्कितम। जय हो मोदी जी। नोट के प्रचलन में गिरावट, गांध्ी जी की दैनिक यात्रा में कमी, मोदी जी की जय-जय।
डीजल, पेट्रोल के लिए विदेशी देश की तलवा सहलाना, सर पर बैठाना, उसे आमद पहुंचाना, बदले में वे आतंकी देश को मददकर, भारत में उपद्रव मचाते। मोदी बाबा, पेट्रोल और डीजल का सर्वाध्कि खपत करने वाले रेलवे का विद्युतीकरण कर डाला, सौर उफर्जा से स्टेशन को चकचकाया, झक-झक कराया। पेट्रोलियम पदार्थ वाले देश का औकात दिखाने के लिए इथोनाॅल अपनाया और दुनिया के पेट्रोलियम पदार्थों के निर्यातक देशों को बाजार से बाहर का रास्ता दिखा दिया। न हो हल्ला, ना शोर शराबा। हर वक्त बहुत बोलने वाले मोदी जी, बुझते है, कहां बोलना है, कितना बोलना है, चुपचाप इथेानाॅल को आगे कर, बहुत खेल कर दिया, बुझे वाला बुझे, मोदी की जय जय।
जी-20 में अÚीकी संघ को शामिल कर इसकी ताकत बढ़ा ली है। कोरिडोर बनाकर शी जिनपिंग के होश को, होश में ला दिया, ना आये अच्छा किया। भारत ने अÚीका एक बड़ा बाजार पाया है, वहां भारत को अनेकोनेक अवसर मिलेंगे। मध्य यूरोप तक का कोरीडोर बनाकर मोदी जी ने शानदार सपफलता पायी है। मोदी जी खुद शिलान्यास भी करते हैं और उद्घाटन भी। आशा है, इन काॅरिडोर का ये दोनों काम मोदीजी के कर कमलों से सम्पन्न होगा। मोदी जी है, तो मुमकिन है।
बनिया का दिमाग है। एक बनिया हाथ में लाठी थाम के सत्य-अहिंसा का जापकर अंग्रेजों को खदेड़ दिया और दूसरा बनिया उसके घर तक पहुंचने का पुख्ता व्यवस्था पर लिया है। जो माल कभी लूट ले गये थे, वो माल व्यापार के माध्यम से भारत को वापस हो। यह है, भाई बनिया का दिमाग। देश की आबादी 140 करोड़ यानि 140 करोड़ दिमाग और 280 करोड़ हाथ। इन दिमाग को खुराक मिलना चाहिए। इन हाथों को काम मिलना चाहिए। ये अपने दोनों चीजों का उपयोग अÚीका महादेश को उन्नत करने में करेंगे। बदले में मजदूरी लेंगे जो मेरा वाजिब हक है।
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