सम्पादक जी महाराज,
जय हो!
बचपन में एक गाना सुनते थे जीते लकड़ी मरते लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का।’’ भाजपा में लकड़ी का स्थान माननीय नरेन्द्र मोदी अर्थात् मोदी जी का है। ‘‘मोदी नाम केवलम’’ एक ऐसा जाप है, जिसके जाप से जन्म-जन्मांतर तर जाता है।
पंचायत के वार्ड का चुनाव हो या नगर निकाय के वार्ड का, विधन सभा हो, विधन परिषद, लोकसभा हो या राज्यसभा। सभी जगह एक ही मंत्रा काम आता है- ‘‘मोदी नाम केवलम’’।
वार्ड सदस्य हो या प्रखंड प्रमुख या जिला परिषद का अध्यक्ष, मेयर या उप मेयर,
विधयक या सांसद किसी को इस बात की चिंता नहीं है कि जहां के प्रतिनिधि है, वहां का विकास कैसे हो? वहां के नागरिकों के जीवन में अधिकधिक सुविधा कैसे मिले, इन तथ्यों से उनका सरोकार न के बराबर है। अन्य जगह की तरह यहां भी कुछ अपवाद है, जिन्हें अपना दायित्व बोध् है और उनकी कोशिश जारी है, ऐसे मुट्ठीभर सदस्य सम्मानीय है। अधिकांशतः माननीयगण केवल और केवल ‘‘मोदी नाम केवलम’’ महामंत्र के आधर पर वैतरणी पाकर अपने आने वाले कई पीढि़यों को मालामाल करने की जुगत में भिड़े हैं।
‘‘मोदी नाम केवलम’’ अष्ट अक्षरीय महामंत्रा से सुरक्षित जनप्रतिनिधियों से आप
सीधा सवाल तो पूछ ही सकते हैं, अपने आस-पास की समस्या की चर्चा कर सकते हैं, और उनको अहसास दिला दे कि ‘‘मोदी नाम केवलम’’ आपकी सुरक्षा कवच नहीं है, ताकि वे कुछ समाज या क्षेत्रा के हित में काम करने को विवश हों।
मोदी जी जिस तरह काम करते हैं वह देश-दुनिया से छिपा नहीं है, उसका दशांश काम भी तो जनप्रतिनिध् िकरेंऋ आपको उससे काम लेना चाहिए। इसके लिए रोको, टोको करना चाहिए। मोदी जी रोकने-टोकने के लिए नहीं आ सकते हैं। मोदी से करते हैं प्यार, तो भाजपा सदस्यों से पूछें सवाल। देश का रखवाला मोदी जी है तो मोदी जी के रखवाले आप बनोंऋ वर्ना क्या होगा वह आपके कल्पना के सीमा में है।
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