दुनिया का सबसे बड़ा हथियार प्रेम है, जो सद्भावना और विनम्रता के कारखाना में बनता है. यह कारखाना व्यक्ति का मन और विवेक है.
आज की राजनीति विशुद्ध रूप से व्यक्तिगत लाभ पर आधारित है. जहाँ लाभ पर आघात हुआ, वहाँ द्वेष और घृणा पैदा करती है. जब हम समाज के व्यापक हित के लिए संकल्पित होते हैं, निज स्वार्थ निम्नतम होता है, और वैसा होता है, जिससे किसी को कोई हानि नहीं होती है. अगर ऐसे स्वार्थ पर आघात होता है ,तो मन दु:खी होता है , परन्तु प्रतिशोधी नहीं होता है. इसलिए द्वेष व घृणा का जन्म नहीं होता है. कुछ समय के लिए काम से लगाव कमता है.
यदि हमें व्यापक हित के लिए राजनीति करना है तो आंशिक रूप से अध्यात्मिक होना होगा और प्रेम को हथियार बनाना होगा. जनमत तैयार करने के लिए सम्पर्क आवश्यक है. जो समय-दान के बिना संभव नहीं है. समय-दान के लिए समय प्रबंधन की रणनीति महत्वपूर्ण है. जिविकोपार्जन हेतु समय देकर शेष समय का सदुपयोग करना होगा. यह प्रबंधन महत्वपूर्ण है.
अपने दर्शन व विचार को विस्तारित करने हेतु अपने कार्य व कार्य पद्धति से भरोसा जीतना होगा यही दिल जितना है. जब दिल जीत लेंगे तो दिमाग पर राज कर सकते हैं.
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